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आखिरकार 23 जनवरी, 2020 को सुमन की मौत हो गई. इस की सूचना उसे पिता की मार्फत मिली. सुमन की मौत पर 4 साल पहले से अलग रहने वाले उन के पति और एक साल से लिवइन में रहने वाली बेटी श्रद्धा आखिरी बार मिले. बापबेटी के बीच तनाव का माहौल बना रहा.

मोहब्बत में आई खटास

मां के गुजर जाने के बाद श्रद्धा अपने भविष्य को ले कर चिंतित रहने लगी थी. एक रोज सुबहसुबह चाय पीते हुए वह आफताब से अचानक पूछ बैठी, ‘‘फैमिली से हमारी शादी के बारे में कोई बात हुई?’’

कप में अपनी चाय निकालता हुआ आफताब अचानक यह सवाल सुन कर तिलमिला गया, ‘‘तुम्हें कितनी बार कहा है, उस बारे में कोई बात नहीं हुई है.’’

‘‘बात कब करोगे?’’श्रद्धा थोड़ी नाराजगी दिखाते हुई बोली.

‘‘वे लोग हमारे रिश्ते को ले कर ऐसे ही चिढ़े हुए हैं...और कोरोना भी है. लौकडाउन खत्म होते ही घर जा कर बात करूंगा.’’ आफताब टालने के अंदाज में बोला.

इस पर श्रद्धा चिढ़ती हुई बोली, ‘‘तुम मेरी कोई बात नहीं सुनते हो. हर बात को टाल देते हो. तुम्हारे चलते मैं ने अपना घरबार छोड़ा है ...और तुम्हें जरा भी परवाह नहीं है.’’

उस के बाद श्रद्धा सांस लिए बगैर आफताब की खामियां गिनवाने लगी. चीखते हुए आफताब पर दनादन आरोप लगा दिए, जिस से वह भन्ना गया. गुस्से में उस ने चाय की प्याली श्रद्धा की ओर उछाल दी. गर्म चाय टेबल पर कुछ श्रद्धा के हाथों पर गिरी. वह गुस्से में आ कर और चीखने लगी, ‘‘जला दोगे क्या मुझे?’’

आफताब श्रद्धा के गर्म चाय से जले हाथ को देखने के बजाए कमरे में चला गया. गुस्से से भरी श्रद्धा तौलिए से हाथ पोंछती हुई उस के पीछेपीछे कमरे तक आ गई. आफताब ने उसे धक्का दे दिया. वह वहीं जमीन पर गिर पड़ी. आफताब का गुस्से से तमतमाया हुआ खौफनाक चेहरा देख श्रद्धा सहम गई. दोनों हाथों से चेहरा छिपा लिया और सिसकने लगी.

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