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भूपेंद्र ने खेला खेल

जेल से आते ही उस ने शशि की पिटाई की और उसे घर से निकल जाने को कह दिया. शशि ने फिर से अपने साथ पति द्वारा मारपीट की शिकायत चौकी में कर दी. इस मामले में पुलिस ने पप्पू पर कोई खास काररवाई तो नहीं की बल्कि उसे समझाते हुए पत्नी के साथ भविष्य में मारपीट न करने की चेतावनी दे कर छोड़ दिया. जेल से वापस आने के बाद पप्पू ने भूपेंद्र की नौकरी छोड़ दी. उस के बाद भूपेंद्र ने पप्पू के घर आनाजाना भी कम कर दिया.

इस पर भूपेंद्र ने शशि से मिलने का दूसरा रास्ता निकाला. जब कभी पप्पू किसी काम से बाहर जाता तो वह भूपेंद्र को फोन कर के गांव से बाहर बुला लेती और फिर उस के साथ मौजमस्ती करने निकल जाती. बाद में उस ने अपने बच्चों तक की परवाह करनी बंद कर दी. कभीकभी तो जब बच्चे ज्यादा भूखे होते तो पप्पू ही उन्हें कच्चापक्का खाना बना कर खिलाता.

शशि सुबह ही बनठन कर निकलती और देर रात घर लौटती. पति कुछ कहता तो वह उस पर ही चढ़ बैठती थी. हर रोज की चिकचिकबाजी से पप्पू परेशान हो गया तो उस ने शशि को तलाक देने की योजना बनाई. उस ने एक दिन उस से कोरे स्टांप पेपर पर अंगूठा भी लगवा लिया.

यह बात शशि ने भूपेंद्र को बताई तो उस ने शशि के कान भरते हुए उसे पति के खिलाफ ही भड़का दिया. भूपेंद्र ने शशि से कहा कि पप्पू तुम्हारी हत्या करने की साजिश रच रहा है. अगर अपनी खैर चाहती हो तो तुम पहले ही उसे मौत के घाट उतार दो.

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