Kanpur Crime News : औरत अगर संयम से काम ले तो घर संभाल लेती है और अगर बहक जाए तो घर बिगड़ते देर नहीं लगती. काश! इस बात को रूपा समझ पाती तो न तो प्रदीप की जान जाती और न ही उस के पति को जेल जाना पड़ता...

कानपुर शहर का एक घनी आबादी वाला मोहल्ला है जूही बम्हुरिया. इसी मोहल्ले के रहने वाले रामलाल के परिवार में पत्नी पार्वती के अलावा 2 बेटियां रूपा, विमला और 2 बेटे रूपेश व विमलेश थे. दोनों बेटे छोटामोटा काम कर रहे थे, जिस से रामलाल के परिवार की गुजरबसर आराम से हो रही थी. नाम के अनुरूप ही रूपा गोरी और तीखे नाकनक्श व विनम्र स्वभाव की थी. जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही उस की शोखियां एवं चंचलता और बढ़ गई थी. रूपा थी तो सुंदर लेकिन पढ़ने में उस का मन नहीं था. अत: 8वीं कक्षा पास करने के बाद उस ने स्कूल जाना बंद कर दिया था और मां के काम में हाथ बंटाने लगी थी.

चूंकि रूपा शादी के योग्य हो चुकी थी, इसलिए रामलाल और उस की पत्नी पार्वती को उस की शादी की चिंता सताने लगी. वह उस के लिए घरवर ढूंढने लगे. किसी परिचित ने उन्हें बारादेवी जूही के रहने वाले राजन के बेटे सोनू के बारे में बताया. सोनू ड्राइवर था और आटो चलाता था. रामलाल को सोनू पसंद आया तो उन्होंने अपनी बेटी रूपा का विवाह सोनू के साथ कर दिया. शादी के बाद रूपा और सोनू ने बड़े प्यार से जीवन का सफर शुरू किया. हंसीखुशी से 2 साल कब बीत गए, दोनो में से किसी को पता ही नहीं चला. इन 2 सालों में रूपा एक बेटी की मां बन गई.

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