पुलिस अधिकारियों ने मौके पर डौग स्क्वायड टीम तथा फोरैंसिक टीम को भी बुलवा लिया. थानाप्रभारी के इशारे पर सिपाही रामवीर ने हथौड़े से कमरे का ताला तोड़ा. उस के बाद पुलिस अधिकारियों ने कमरे में प्रवेश किया.
कमरे में प्रवेश करते ही पुलिस अधिकारी चौंक गए. सिपाही देशदीपक की हत्या बड़ी बेरहमी से की गई थी. पूरा शव खून से लथपथ चारपाई पर पड़ा था. उस की गरदन पर किसी तेज धार वाले हथियार से कई वार किए गए थे. जिस से उस की गरदन आधे से ज्यादा कट गई थी. किसी नुकीली चीज से भी वार किया गया था.
देखने से ऐसा लग रहा था कि किसी भारी प्रतिशोध के चलते उस की हत्या की गई थी. मृतक की उम्र 28 वर्ष के आसपास थी.
डौग स्क्वायड टीम ने घटनास्थल पर खोजी कुत्ता छोड़ा तो वह शव व अन्य सामान को सूंघ कर भौकता हुआ कमरे से बाहर निकला और बाजार होता हुआ रेलवे पटरी तक गया. टीम ने वहां हत्या से संबंधित सबूत खोजने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. उस के बाद टीम वापस आ गई.
मौकाएवारदात पर फोरैंसिक टीम भी मौजूद थी. टीम ने कमरे की सघन तलाशी ली तो शराब की एक खाली बोतल, सैक्सवर्द्धक दवाएं, स्प्रे व कंडोम का पैकेट मिला. मृतक का मोबाइल फोन व पर्स गायब था.
टीम ने बिस्तर, चारपाई, दरवाजे की कुंडी व शराब की बोतल से फिंगरप्रिंट लिए तथा बरामद सामान को सुरक्षित कर लिया. सैक्स उपयोगी सामान मिलने से पुलिस अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि सिपाही की हत्या शायद अवैध संबंधों के चलते हुई है.
अब तक सिपाही देशदीपक की निर्मम हत्या की खबर कस्बा बिल्हौर में फैल गई थी. भारी भीड़ घटनास्थल पर उमड़ पड़ी थी. सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस अधिकारियों ने बिल्हौर कस्बा में पुलिस फोर्स की गश्त बढ़ा दी थी.
पुलिस टीमें अभी निरीक्षण कर ही रही थीं कि सूचना पा कर मृतक सिपाही के घर वाले घटनास्थल पर आ गए. इस के बाद तो वहां कोहराम मच गया. प्रमोद कुमार व उन की पत्नी शिवाला देवी बेटे का शव देख कर दहाड़ें मार कर रोने लगे. मृतक की पत्नी दिव्या उर्फ अंजलि भी पति का शव देख कर बिलख पड़ी. साथ आए अन्य परिजनों की आंखों से भी आंसू बहने लगे.
रोतेबिलखते घरवालों को एसपी (आउटर) तेजस्वरूप सिंह व डीएसपी (बिल्हौर) राजेश कुमार ने धैर्य बंधाया और बड़ी मुश्किल से शव से दूर किया. एडीजी भानु भास्कर ने मृतक सिपाही के मातापिता से वादा किया कि वह जल्द ही हत्या का परदाफाश कर हत्यारों को हथकड़ी पहनाएंगे.
घटनास्थल की प्रारंभिक काररवाई पूरी करने के बाद पुलिस ने सिपाही देशदीपक के शव को पोस्टमार्टम के लिए लाला लाजपतराय अस्पताल कानपुर भिजवा दिया. 3 डाक्टरों के एक पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम के बाद शव को घर वालों को सौंप दिया गया.
घर वाले देशदीपक के शव को पैतृक गांव दयापुर ले कर आए. पुलिस की टुकड़ी शव के साथ आई थी, जिस ने अंतिम संस्कार से पहले सलामी दी.
इधर एडीजी (कानपुर जोन) भानु भास्कर ने सिपाही हत्याकांड को बड़ी गंभीरता से लिया. हत्या के खुलासे के लिए उन्होंने स्वाट, सर्विलांस टीम सहित 6 टीमों का गठन किया और खुलासे की कमान एसपी (आउटर) तेजस्वरूप सिंह को सौंपी. भानु भास्कर ने हत्या का खुलासा करने वाली टीम को 50 हजार रुपए का ईनाम देने का ऐलान भी किया.
एसपी (आउटर) तेजस्वरूप सिंह ने पुलिस की 2 टीमों के साथ सब से पहले मकान मालिक रमेशचंद्र प्रजापति तथा उस मकान में रहने वाले अन्य किराएदारों से पूछताछ की.
पूछताछ से पता चला कि सिपाही देशदीपक के कमरे से एक युवक व एक युवती को आतेजाते देखा था. युवती दुपट्टे से मुंह ढंके रहती थी, जबकि युवक अंगौछे से. लेकिन किसी ने उन से टोकाटाकी नहीं की थी.
किराएदारों से पूछताछ के बाद एसपी तेजस्वरूप सिंह ने साइबर सेल को सिपाही देशदीपक के मोबाइल फोन नंबर की काल डिटेल्स निकलवाने का आदेश दिया. साइबर सेल ने तब पिछले 6 महीने की काल डिटेल्स निकलवाई.
सिपाही देशदीपक के मोबाइल नंबर की काल डिटेल्स का अध्ययन पुलिस की 2 टीमों ने किया. एक टीम को बुधवार दोपहर (यानी पहली जून को) 12:26 बजे एक फोन की लोकेशन देशदीपक के घर के पास मिली. इस संदिग्ध नंबर की जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि यह नंबर सीवान (बिहार) का है. इस नंबर पर देशदीपक की अकसर बात होती रहती थी.
पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई और उस नंबर की लोकेशन ट्रेस की तो लोकेशन सीवान जिले के बसंतपुर (खोड़ी पाकर) की मिली. टीम ने इस की जानकारी एसपी तेजस्वरूप सिंह को दी.
तेजस्वरूप सिंह ने तब एसआई मंसूर अहमद की अगुवाई में एक पुलिस टीम सीवान (बिहार) भेज दी. लगभग साढ़े 5 सौ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मंसूर अहमद टीम के साथ सीवान जिले के बसंतपुर थाना पहुंचे और थानाप्रभारी मुकेश कुमार को अपने आने का मकसद बताया.
मुकेश कुमार ने उस संदिग्ध नंबर की जानकारी जुटाई तो पता चला यह नंबर लालसा कुमारी पुत्री भृगुनाथ सैनी निवासी बड़वा खुर्द के नाम दर्ज है.
पुख्ता जानकारी मिलने के बाद मंसूर अहमद ने अपनी टीम के साथ थाना बसंतपुर पुलिस के सहयोग से बड़वा खुर्द गांव में भृगुनाथ सैनी के घर छापा मारा और उस की बेटी लालसा कुमारी उर्फ लाली को हिरासत में ले लिया. उस के पास से पुलिस ने मृतक सिपाही देशदीपक का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया. उसे थाना बसंतपुर लाया गया.
थाने में जब उस से पूछताछ की गई तो उस ने सिपाही देशदीपक की हत्या करने की बात स्वीकार की और यह भी बताया कि हत्या में उस का साथ भाई के बेटे अभिषेक सैनी ने दिया था.
अभिषेक सैनी सारण जिले के मशरक थाना के दक्षिण टोला का रहने वाला है. यह जानकारी मिलते ही पुलिस टीम ने दक्षिण टोला (मशरक) से अभिषेक सैनी को भी गिरफ्तार कर लिया.
4 जून, 2022 को एसआई मंसूर अहमद अपनी टीम के साथ सिपाही के हत्यारों को गिरफ्तार कर थाना बिल्हौर लौट आए और गिरफ्तारी की सूचना पुलिस अधिकारियों को दी. सूचना पाते ही एसपी (आउटर) तेजस्वरूप सिंह तथा डीएसपी राजेश कुमार भी थाना बिल्हौर आ गए.
पुलिस अधिकारियों ने लालसा कुमारी उर्फ लाली तथा अभिषेक सैनी से पूछताछ की तो दोनों ने सहज ही सिपाही देशदीपक की हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया. यही नहीं, दोनों ने हत्या में प्रयुक्त चाकू, चापड़ तथा खून से सने कपड़े भी खाली पड़े प्लौट से बरामद करा दिए.
हत्या का खुलासा होते ही एसपी तेजस्वरूप सिंह ने प्रैसवार्ता की और आरोपियों को मीडिया के समक्ष सिपाही देशदीपक की हत्या का खुलासा किया.
चूंकि हत्यारों ने हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया था और आलाकत्ल भी बरामद करा दिया था, अत: थानाप्रभारी अरविंद कुमार सिंह ने मृतक के पिता प्रमोद कुमार को वादी बना कर भादंवि की धारा 302 के तहत लालसा कुमारी तथा अभिषेक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली तथा उन्हें विधिसम्मत गिरफ्तार कर लिया.