15 मार्च, 2017 की सुबह गोवा के पणजी से करीब 80 किलोमीटर दूर थाना काणकोण पुलिस को किसी ने सूचना दी कि आगोंद और देववांग स्थित कडेंला के जंगल में एक विदेशी युवती का शव पड़ा है. सूचना मिलते ही थाना काणकोण में ड्यूटी पर तैनात इंसपेक्टर फिलोमेनो कोस्ता कुछ सिपाहियों को साथ ले कर घटनास्थल पर पहुंच गए.
लाश की स्थिति देख कर ही लग रहा था कि दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या की गई है. मृतका के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. उस की हत्या भी बड़ी बेरहमी से की गई थी. शिनाख्त न हो सके, इस के लिए हत्यारे ने मृतका का चेहरा किसी नुकीली चीज से बिगाड़ दिया था.
इंसपेक्टर फिलोमेनो कोस्ता ने इस घटना की जानकारी अधिकारियों को दे दी थी. यही वजह थी कि वह लाश और घटनास्थल का निरीक्षण कर के लाश की शिनाख्त कराने की कोशिश कर रहे थे, तभी गोवा के पुलिस उपायुक्त संभी नावरिश के साथ थाना काणकोण के थानाप्रभारी उत्तम राऊत और देसाई भी फोरैंसिक टीम के साथ पहुंच गए. फोरैंसिक टीम का काम निपट गया तो सभी ने एक बार फिर घटनास्थल और लाश का निरीक्षण किया.
घटनास्थल पर बीयर की एक टूटी बोतल के अलावा ऐसी कोई भी चीज नहीं मिली थी, जिस से मृतका या हत्यारे के बारे में कुछ पता चलता. उस टूटी हुई बीयर की बोतल में खून लगा था, इस से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि युवती की हत्या करने के बाद इसी बोतल से उस का चेहरा बिगाड़ा गया था.
घटनास्थल की सारी औपचारिकताएं पूरी कर के पुलिस लाश को पोस्टमार्टम के लिए गोवा स्थित मैडिकल कालेज भिजवा दिया गया. घटनास्थल की काररवाई निपटाने के बाद थाने लौट कर पुलिस ने विदेशी युवती की हत्या का मामला दर्ज कर लिया और हत्यारे तक पहुंचने के बारे में विचार करने लगी. लेकिन हत्यारे तक तभी पहुंचा जा सकता था, जब उस युवती के बारे में कुछ पता चलता.