अब तक के वैवाहिक जीवन में उन्हें इस तरह कभी दोबारा बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ी थी. आज चैक के नाम पर वह लीना को बेवकूफ बना रहे थे. राजकुमार को तिजोरी की चाभी ले कर आने को कहते हैं, तो लीना समझ जाएगी कि जरूर कोई गड़बड़ है. उसे इस हालत में चिंता में डालना ठीक नहीं है.
उन्हें लगा कि फोन कर के लीना को बता दें कि सैवी उन के साथ है. इस से लीना उस के लिए परेशान नहीं होगी. रात में वह लौटेंगे, तो सैवी उन के साथ होगी. जनार्दन ने गाड़ी आगे बढ़ाई. कालोनी से बाहर आ कर उन्होंने पार्क के पास सड़क के किनारे कार रोक दी. दुकान पर काफी भीड़भाड़ थी, इसलिए वहां से उन्होंने फोन करना ठीक नहीं समझा. उन्होंने पार्क की ओर देखा, कालू माली गेट पर खड़ा सिगरेट पी रहा था. उस की निगाहें उन्हीं पर जमी थीं.
पार्क में खेलने वाले बच्चे अपने अपने दादी दादा या मम्मियों के साथ चले गए थे या जा रहे थे. जनार्दन पार्क की ओर बढ़े. उन्हें अपनी ओर आते देख मुंह से सिगरेट का धुआं उगलते हुए कालू ने पूछा, ‘‘कोई काम है क्या साहब?’’
‘‘मेरी थोड़ी मदद करो कालू. मैं मोबाइल घर में भूल आया हूं. लौट कर जाऊंगा तो समय लगेगा. मुझे जल्दी से कहीं पहुंचना है. एक जरूरी फोन करना था. पार्क के फोन से एक फोन कर लूं?’’
कालू ने सिगरेट का एक लंबा कश लिया और मुंह से सिगरेट हटा कर धुआं उगलते हुए कहा, ‘‘क्या बात करते हैं साहब, यह भी कोई पूछने की बात है? आप का काम मेरा काम. यह फोन सरकार ने आप लोगों के लिए ही तो लगवाया है. फोन कमरे में मेज पर रखा है. जाइए, कर लीजिए.’’