Crime News : सरकार की निष्क्रियता के कारण आजकल तमाम सेलिब्रिटी औनलाइन गेम का प्रचार धड़ल्ले से कर रहे हैं. उन के झांसे में आ कर तमाम युवा लाखों रुपए गंवा रहे हैं. अनेक युवा तो लालच में इस चक्रव्यूह में फंस कर अपनी जान तक गंवा चुके हैं. एक मैडिकल कालेज की 32 वर्षीय वाइस प्रिंसिपल सुची राय भी इस चक्रव्यूह में ऐसी फंसी कि...

अहमदाबाद के शाहीबाग की रहने वाली 32 साल की सुची राय मेघाणी नगर के कलापी नगर चौराहे पर स्थित शुभम इंस्टीट्यूट ऐंड नर्सिंग साइंस ऐंड रिसर्च सेंटर में वाइस प्रिंसिपल के पद पर नौकरी करती थी. उस की यह नौकरी सुबह 9 बजे से शाम साढ़े 4 बजे तक की थी. पापा की मौत होने के बाद से वह अपनी मम्मी के साथ शाहीबाग में रहती थी. सुची ने बेंगलुरु में साथ पढऩे वाले एक युवक से विवाह किया था, जिस से उसे एक बेटी है, लेकिन पति से न पटने की वजह से वह इस समय मम्मी के साथ रहती थी.

साल 2014 में जब वह पति के साथ बेंगलुरु में रहती थी, तभी एक दिन उस के मोबाइल फोन में मैसेज आया कि उस ने रमी में 2500 रुपए जीते हैं. उसे यह अच्छा लगा. उस ने तुरंत अपने मोबाइल फोन में रमी गेम का ऐप इंस्टाल कर लिया और इस गेम में जुडऩे के लिए कंपनी में औनलाइन रजिस्ट्रैशन भी करा लिया. गेम में जुडऩे के बाद उस ने 50 रुपए से गेम खेलना शुरू किया. 2-3 महीने में तो वह 10,000 रुपए तक का गेम खेलने लगी. कोई भी औनलाइन गेम खेलाने वाली कंपनी कमाने के लिए यह सब खेल करती हैं, गंवाने के लिए नहीं. गंवाता तो गेम खेलने वाला है.

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