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होता यह है कि राज्य के गृहमंत्री पी.के. मिश्रा सड़क पर ही एक महिला की पिटाई कर देता है. वह महिला प्रेग्नेंट थी. उसे सड़क पर ही बच्चा पैदा हो जाता है. कोई इस घटना की वीडियो बना कर वायरल कर देता है, जिस से उन की बड़ी बदनामी होती है. पी.के. मिश्रा का रोल वरुण टम्टा ने किया है.

एसआई रवि इस घटना की रिपोर्ट ले कर मंत्रीजी के घर जाता है तो वह उस की बहुत बेइज्जती करता है और उसे उस आदमी को पकड़ने को कहता है, जिस ने वीडियो बनाई थी.

रवि इस से बहुत क्षुब्ध होता है. लौटते समय उसे अपने पिता की वह कविता याद आती है, जिस में उन्होंने लिखा था कि अगर उसे नौकरी करनी है तो सारे सबूतों और साक्ष्यों को पैरों तले रौंदना होगा और अपने सीनियर की हर बात सहनी होगी.

थाने आ कर वह पारुल की फोटो देखता है तो पता चलता है कि यह फोटो तो उस के पास शादी के लिए आई थी. यह जान कर वह और ज्यादा परेशान हो जाता है.

दूसरे एपीसोड में पता चलता है कि पारुल को होश आ गया है. वह सिपाही यादव के साथ पारुल का बयान लेने जाता है. रास्ते में उस के नंबर पर एक फोन आता है. फोन करने वाली लड़की बताती है कि वह जनगणना औफिस से बोल रही है. वह उल्टेसीधे सवाल पूछ कर उसे परेशान करती है. इस के बाद अस्पताल पहुंच कर रवि देखता है कि पारुल का आधा चेहरा जला हुआ है.

पारुल की हालत देख कर रवि की तबीयत बिगड़ जाती है तो सिपाही यादव उसे ले कर बाहर आ जाता है. पारुल के मम्मीपापा उसे बताते हैं कि पारुल अपने काम से काम रखने वाली लड़की थी. किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी.

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