मंगेतर ऐशप्रिया से की पूछताछ
इस के लिए पुलिस अधिकारियों ने लक्ष्य सिंह की मंगेतर ऐशप्रिया बनर्जी और उस के मित्र निखिल को पुलिस ने थाने बुला कर पूछताछ की. इस पूछताछ में सुनीता सिंह मर्डर केस की कडि़यां खुद जुड़ती चली गईं.
45 वर्षीय मौडल और फैशन डिजाइनर सुनीता सिंह लाठर मूलरूप से हरियाणा के पानीपत के असंध रोड स्थित अग्रसेन कालोनी की रहने वाली थी. उस के पिता का नाम रोहताश ढांडा था. वह पानीपत के जानेमाने कारोबारी थे, जिस की वजह से शहर में उन का काफी मानसम्मान और प्रतिष्ठा थी. परिवार में उन की पत्नी के अलावा एक बेटा देवेंद्र ढांडा और 2 बेटियां थीं. सुनीता सिंह लाठर भाईबहनों में सब से छोटी थी.
सुनीता सिंह लाठर पढ़ाईलिखाई में भी होशियार थी और खूबसूरत भी थी. सुनीता सुंदर होने के साथसाथ स्मार्ट और महत्त्वाकांक्षी थी. वह मायानगरी मुंबई की फैशन डिजाइनर बन कर अपना कैरियर और नाम रोशन करना चाहती थी. इस के लिए उस ने काफी मेहनत भी की.
जब भी किसी मैगजीन में फैशन डिजाइनरों के बनाए कपड़ों में लिपटी मौडल को देखती तो उस की आंखों में भी वैसा ही सपना रूप लेने लगता था. वह भी बौलीवुड के उन डिजाइनरों में शामिल हो कर शोहरत की उन बुलंदियों पर पहुंचना चाहती थी, जिस बुलंदी पर फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, रोहित बल, नीता लुल्ला, मनीषा अरोड़ा, रितु कुमार और रितु बेरी थीं.
इस के लिए सुनीता ने पढ़ाई के साथसाथ फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर के डिप्लोमा भी लिया. इस के पहले कि वह अपने पंखों को उड़ान दे पाती, उस की शादी करनाल के रहने वाले एक प्रतिष्ठित परिवार के युवक कुलदीप सिंह लाठर से कर दी गई.
गांव में पलीबढ़ी थी सुनीता सिंह
अपने परिवार और खानदान की इज्जत और मानमर्यादा का सम्मान करते हुए सुनीता सिंह अपने पति कुलदीप सिंह लाठर के साथ पारिवारिक महिला की तरह रहने लगी. देखतेदेखते वह 2 बच्चों की मां बन गई, जिस में एक लड़का था और एक लड़की. लेकिन इस के बावजूद उस के मन से बौलीवुड फैशन डिजाइनर का भूत नहीं उतरा था. 2 बच्चों की मां होने के बावजूद सुनीता ने अपने आप को पूरी तरह फिट रखा था. देखने में वह 2 बच्चों की मां नहीं लगती थी.
सुनीता सिंह फैशन डिजाइनर और बौलीवुड का सपना शायद भूल भी जाती, लेकिन कुलदीप सिंह लाठर के व्यवहार ने ऐसा नहीं होने दिया. वह अकसर शराब के नशे में धुत रहता था. सुनीता सिंह ने उस की शराब छुड़ाने के लिए काफी कोशिश की. लेकिन वह इस में कामयाब नहीं हो सकी.
आखिर में परेशान हो कर उस ने कुलदीप सिंह लाठर को ही छोड़ दिया. उसे छोड़कर वह अपने मायके आ गई. मायके में उस के भाई देवेंद्र ढांडा ने सुनीता सिंह की काफी मदद की और प्रोत्साहन भी दिया.
फलस्वरूप वह अपने बच्चों को कुछ दिनों के लिए मायके में छोड़ कर सन 2000 में मुंबई आ गई और फैशन डिजाइनिंग की दुनिया में अपने पैर जमाने की कोशिश करने लगी. शुरूशुरू में सुनीता सिंह को फैशन की दुनिया में अपने पांव जमाने में काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन धीरेधीरे मुंबई के टौप फैशन डिजाइनरों में उस का नाम शुमार हो गया.
मुंबई में अपने पांव जमाने के बाद सुनीता अपने दोनों बच्चों को मुंबई ले आई. बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया. बौलीवुड में सुनीता लाठर के डिजाइन किए कपड़ों की मांग तो बढ़ी ही, साथ ही कुछ डिजाइनरों ने सुनीता को मौडलिंग का भी औफर दिया. सुनीता सिंह खूबसूरत और स्मार्ट तो थी ही, उस ने मौडलिंग के औफर भी स्वीकार कर लिए. अब वह फैशन डिजाइनर के साथसाथ मौडलिंग भी करने लगी.
एक कहावत है कि कभीकभी बिल्ली घी हजम नहीं कर पाती है. सुनीता सिंह लाठर का भी यही हाल हुआ. जिस समय उस के सितारे बुलंदी पर थे, तभी उसे ड्रग्स की लत लग गई थी. पति कुलदीप सिंह लाठर ने अपना रिश्ता सुधारने की कोशिश की लेकिन सुनीता ने उस की तरफ ध्यान नहीं दिया. इस की जगह सुनीता ने उसे अपने तलाक का नोटिस भेज दिया.
सुनीता ने पति से लिया तलाक
सन 2014 में सुनीता सिंह और कुलदीप सिंह का तलाक हो गया. कुलदीप सिंह अपने बच्चों को बहुत प्यार करता था. उन की जुदाई वह सहन नहीं कर सका. जिस शराब की वजह से उस का जीवन और घर बरबाद हुआ था, उसे छोड़ कर वह रेहान चला गया, उस ने डेढ़ साल का कोर्स कर के रिहैबिलिटेशन सेंटर में काउंसलिंग का काम करना शुरू कर दिया.
उस की अपनी अलग दुनिया बन गई थी लेकिन वह अपने बच्चों और सुनीता सिंह को भूल नहीं पाया था. जब वह किसी शो में सुनीता सिंह को देखता तो उस के दिल में एक हूक सी उठती थी. सुनीता सिंह इस सब से बेखबर थी. वह कुलदीप सिंह को अपनी जिंदगी से निकाल चुकी थी. साथ ही उस ने अपने बच्चों को बता दिया था कि उन का पिता मर चुका है.
उस ने पति की मृत्यु की आड़ ले कर बच्चों को बता दिया था कि उस पर उन के पिता की आत्मा आती है. इस के लिए वह नाटक भी करती थी. ऐसा वह ड्रग का ओवरडोज ले कर करती थी. जब वह नशे में होती थी तो सुनीता के बेटे लक्ष्य की प्रेमिका ऐशप्रिया बनर्जी और उस के मातापिता कहते थे कि वह काले जादू का प्रभाव है. वे लोग उसे किसी तांत्रिक के पास ले जाने की बात भी करते थे.
सुनीता का बेटा लक्ष्य भी उन की बातों में आ गया था. वह भी अपने पिता को मरा समझ कर उन की बात पर विश्वास करने लगा था.
सुनीता सिंह लाठर के दोनों बच्चे जब अपनी शिक्षा पूरी कर के लौटे तो घर का माहौल उन के अनुकूल नहीं था. सुनीता सिंह का ड्रग्स एडिक्शन और घर के अंदर ड्रग्स पार्टी सुनीता सिंह की बेटी को रास नहीं आई. वह मां से अलग हो कर अपने नानानानी के साथ पानीपत में रहने लगी, जिस के कारण वह इस सब से बच गई थी.
यह तो सभी जानते हैं कि सूरज अगर सुबह को निकलता है तो शाम को अस्त भी हो जाता है. यही हाल बौलीवुड का भी है. फिल्म इंडस्ट्री में किस का अस्तित्व कम या खत्म हो जाए, कहा नहीं जा सकता. ड्रग्स और शराबशबाब के नशे में सुनीता सिंह कुछ इस तरह डूबी कि उस की सारी चमक फीकी पड़ गई.
उस का काम लगभग बंद सा हो गया था. धीरेधीरे उस की आर्थिक स्थिति भी खराब होने लगी थी. अपने घर की स्थिति सुधारने के लिए सुनीता ने अपने बेटे लक्ष्य सिंह को मौडलिंग के क्षेत्र में उतार दिया था.