Hindi Stories: साधारण परिवार की असमा जावेद प्रोफेसर बनना चाहती थी. अपने ख्वाबों को ख्वाहिशों में बदलने के लिए उस ने पीएचडी भी पूरी की. इसी बीच ऐसा क्या हुआ कि उस के ख्वाब हकीकत नहीं बन सके?

इंटरमीडिएट पास करने के बाद असमा जावेद अपने कैरियर को ऊंचाईयों पर ले जाना चाहती थी. इस के लिए वह चाहती थी कि कोई प्रोफेशनल कोर्स करे, लेकिन उस के पिता की हालत ऐसी नहीं थी कि वह उसे कोई कोर्स करा सकें. उस के पिता हामिद जावेद उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में कंडक्टर थे. उन्हें जो तनख्वाह मिल रही थी, उसी से घर चला रहे थे और बच्चों को पढ़ालिखा रहे थे. असमा के अलावा उन के 2 बेटे और एक बेटी थी. वह बड़ी बेटी की शादी कर चुके थे.

जब पिता ने प्रोफेशनल कोर्स कराने में असमर्थता जताई तो काफी सोचनेसमझने के बाद असमा ने अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने की सोची. मगर वहां दाखिला मिलना इतना आसान नहीं था. खैर उस ने मेहनत की. इस का नतीजा यह निकला कि उस ने प्रवेश परीक्षा पास कर ली और उसे बीए में दाखिला मिल गया. उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले की रहने वाली असमा नामी यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलने पर बहुत खुश थी. उसे रहने के लिए महिला हौस्टल में कमरा भी मिल गया. चूंकि उस की ख्वाहिशें ऊंचीं थीं, इसलिए वह मन लगा कर पढ़ाई कर रही थी.

सभी कुछ ठीक चल रहा था. उन्हीं दिनों यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर से असमा की मुलाकात हुई. दोनों की मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया तो वे बेहद करीब आ गए.  फिर पता नहीं अचानक क्या हुआ कि एक दिन असमा ने प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए इस की शिकायत यूनिवर्सिटी प्रशासन से कर दी. किसी तरह बात मीडिया तक पहुंची तो असमा जावेद अचानक सुर्खियों में आ गई. असमा के मातापिता ने जब मीडिया में बेटी की इस तरह की खबरें देखीं तो वे चिंतित हो गए. उन्होंने फोन कर के असमा से पूरी हकीकत जानी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने किसी तरह से असमा जावेद और उस प्रोफेसर के बीच समझौता करा दिया.

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